SHIV CHAISA SECRETS

Shiv chaisa Secrets

Shiv chaisa Secrets

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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

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वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

अर्थ- माता मैनावंती की दुलारी अर्थात Shiv chaisa माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत shiv chalisa lyricsl छवि न्यारी॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

O Glorious Lord, consort of Parvati You might be most merciful . You usually bless the bad and pious devotees. Your lovely sort is adorned While using the moon on Your forehead and on your ears are earrings of snakes' hood.

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

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